Family के खिलाफ जाकर की UPSC की तैयारी, 8वीं रैंक और बन गई IAS अधिकारी, पढ़ें सक्सेस स्टोरी

Family के खिलाफ जाकर की UPSC की तैयारी, 8वीं रैंक और बन गई IAS अधिकारी, पढ़ें सक्सेस स्टोरी

आज हम आपको एक ऐसी ही उम्मीदवार, आईएएस अधिकारी वंदना सिंह चौहान की सफलता के बारे में बताएंगे, जिनकी सफलता की कहानी कई अन्य उम्मीदवारों की तरह ही प्रेरणादायक है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवार आईएएस, आईपीएस और अन्य प्रशासनिक पदों पर नौकरी पाने के लिए कई सालों से इस परीक्षा की तैयारी करते हैं।

भारत में सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक, सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के बाद, उम्मीदवार साक्षात्कार की ओर बढ़ते हैं। वहीं इस परीक्षा को पास करने वाले उम्मीदवारों की सफलता की कहानी हमें बताती है कि दृढ़ संकल्प के साथ की गई तैयारी हमें हमेशा फल देती है।

आज हम आपको एक ऐसी ही उम्मीदवार, आईएएस अधिकारी वंदना सिंह चौहान की सफलता के बारे में बताएंगे, जिनकी सफलता की कहानी कई अन्य उम्मीदवारों की तरह ही प्रेरणादायक है।

वंदना सिंह चौहान को अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए अपने परिवार से विद्रोह करना पड़ा। उन्होंने आईएएस अधिकारी के रूप में अपनी नियुक्ति के माध्यम से साबित कर दिया था कि यदि आप कड़ी मेहनत करते हैं, तो आप किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

वंदना सिंह चौहान हरियाणा के नसरुल्लागढ़ गांव की रहने वाली थीं, जहां कोई उपयुक्त स्कूल नहीं था। इस वजह से उनके पिता ने अपने भाई को विदेश पढ़ने के लिए भेज दिया। यह देखकर वंदना ने पढ़ाई करने का इरादा जाहिर किया। इसके बाद वंदना को मुरादाबाद गुरुकुल में दाखिला मिल गया।

Family के खिलाफ जाकर की UPSC की तैयारी, 8वीं रैंक और बन गई IAS अधिकारी, पढ़ें सक्सेस स्टोरी
Family के खिलाफ जाकर की UPSC की तैयारी, 8वीं रैंक और बन गई IAS अधिकारी, पढ़ें सक्सेस स्टोरी

वंदना और उनके पिता को परिवार के सदस्यों से बहुत प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा। 12वीं के बाद वंदना ने घर पर रहकर ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने आईएएस अधिकारी के रूप में काम करने की अपनी इच्छा को बहुत गंभीरता से लिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वंदना सिंह हर दिन 12 से 14 घंटे पढ़ाई में बिताती थीं। वंदना सिंह ने कन्या गुरुकुल, भिवानी से संस्कृत (ऑनर्स) में स्नातक किया और फिर बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा से एलएलबी की पढ़ाई की।

इस दौरान वंदना का भाई उसके साथ था और उसने वंदना का पूरा साथ दिया। साल 2012 में हिंदी में आयोजित यूपीएससी की परीक्षा में वंदना सिंह चौहान ने ऑल इंडिया 8वीं रैंक हासिल की थी।

निष्कर्ष – Family के खिलाफ जाकर की UPSC की तैयारी

इस तरह से आप अपना Family के खिलाफ जाकर की UPSC की तैयारी कर सकते हैं, अगर आपको इससे संबंधित और भी कोई जानकारी चाहिए तो हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं |

दोस्तो यह थी आज की   Family के खिलाफ जाकर की UPSC की तैयारी के बारें में सम्पूर्ण जानकारी इस पोस्ट में आपको Family के खिलाफ जाकर की UPSC की तैयारी , इसकी सम्पूर्ण जानकारी बताने कोशिश की गयी है |

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Sources –

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