7th Pay Commission : अगर आप रिटायरमेंट के बाद अपनी जिंदगी बिना किसी आर्थिक परेशानी के जीना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए है। ऐसा करने के लिए, आपको अपने पैसे बचाने होंगे। यह पैसा रिटायरमेंट के बाद आपके काम आएगा। इसके लिए आप अपने पैसे को कुछ बेहतरीन योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।
सभी केंद्रीय बलों ने अपने सेवानिवृत्त कर्मियों का डेटा गृह मंत्रालय को भेज दिया है। पिछले दिनों इन बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों को ‘सीजीएचएस’ कार्ड लेने के लिए प्रोत्साहित करने की भी बात कही गई थी। अब इन बलों के सेवानिवृत्त कर्मियों के पास दोनों विकल्प होंगे। अगर वे सीजीएचएस कार्ड लेते हैं तो उन्हें एकमुश्त 30,000 रुपये काटने होंगे।
सीजीएचएस से क्यों दूर हटे रिटायर्ड कर्मी
सीआरपीएफ मुख्यालय में उप महानिरीक्षक (कल्याण) ने सितंबर में 29 सितंबर को एक पत्र जारी किया था। कई सेवानिवृत्त कर्मचारी सीजीएचएस का आईपीडी कार्ड प्राप्त करने के लिए अपनी अनिच्छा व्यक्त कर रहे थे। इस संबंध में कई कारण थे। इसका एक कारण संबंधित कर्मचारी के गृह नगर से सीजीएचएस अस्पताल का स्थान होना भी रहा है।
2021 में, सरकार ने बल के सभी पेंशनभोगियों के लिए जो सीजीएचएस कवर क्षेत्र में नहीं रहते हैं, उनके लिए अपने जोखिम निधि के अंतिम भुगतान में कटौती करके सीजीएचएस का आईपीडी कार्ड प्राप्त करना अनिवार्य करने का निर्णय लिया था। इच्छुक/अनिच्छुक होने का कोई औचित्य नहीं होगा।
तय मेडिकल अलाउंस का विकल्प क्यों
सेवानिवृत्त होने वाले अधिकांश कर्मचारी निश्चित चिकित्सा भत्ता का विकल्प चुनते हैं। इससे उन्हें सीजीएचएस की सुविधा नहीं मिलती है। सीजीएचएस कार्ड धारकों और उनके आश्रितों के लिए ओपीडी के साथ-साथ आईपीडी (अस्पताल में भर्ती उपचार) सुविधा का भी प्रावधान है।
अधिकांश सेवानिवृत्त कर्मी निश्चित चिकित्सा भत्ते का विकल्प चुनते हैं क्योंकि सैनिक रैंक के कर्मियों को सीजीएचएस की सुविधा के लिए जोखिम निधि के अंतिम भुगतान से 30,000 रुपये की एकमुश्त राशि काटनी पड़ती है। दूसरी ओर, सेवानिवृत्ति के बाद, कर्मचारियों और उनके आश्रितों को विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए भारी मात्रा में पैसा खर्च करना पड़ता है।
जीवन पर्यंत कैशलेस आईपीडी की सुविधा
सीजीएचएस कार्ड धारकों को जीवन भर के लिए कैशलेस आईपीडी सुविधा मिलती है। इसके साथ ही उन्हें प्रतिमाह एक हजार रुपये का निश्चित चिकित्सा भत्ता भी दिया जाता है। कई कर्मचारी सोचते हैं कि उन्हें सीजीएचएस कार्ड के लिए एकमुश्त राशि काटनी होगी। इस वजह से वे सीजीएचएस कार्ड में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं।
वे यह भी सोचते हैं कि उनके घर के आसपास कोई सीजीएचएस अस्पताल नहीं है। ऐसे में उनके लिए इस कार्ड का कोई फायदा नहीं है। सेवानिवृत्त कर्मियों से कहा गया है कि बीमारी की स्थिति में उन्हें किसी न किसी शहर में जाना होगा। सीजीएचएस अस्पताल की कोई सीधी सुविधा नहीं है, यदि अधिकृत अस्पताल नहीं है, तो उनके आसपास एक सूचीबद्ध अस्पताल है।
कल्याण और पुनर्वास बोर्ड ‘वॉर्ब’ ने मांगी जानकारी
सीजीएचएस कार्ड, संबंधित कार्मिक और उसकी पत्नी के लिए जीवन पर्यंत कैशलेस इलाज की सुविधा देता है। यह किसी भी हेल्थ इंश्योरेंस से कई गुना सस्ता होता है। अगर कोई कार्मिक 75 से 80 वर्ष की आयु तक जीवित रहता है, तो सीजीएचएस कार्ड पर खर्च की गई लगभग 30 हजार रुपये की राशि मात्र 2000 रुपये प्रतिवर्ष या उससे भी कम रहती है।
कार्मिक और उसकी पत्नी को निशुल्क इलाज मिलता है। मात्र 30 हजार रुपये खर्च कर सीजीएचएस कार्ड के जरिए अगले 30 से 35 वर्ष तक उसका फायदा मिल सकता है। कल्याण और पुनर्वास बोर्ड ‘वॉर्ब’ एमएचए ने विभिन्न बलों से जो जानकारी मांगी है, उसमें रैंक, नाम, यूनिट, कैडर, श्रेणी, जन्मतिथि, डीओई, रिटायरमेंट टाइप, स्टेट, होम एड्रेस, मोबाइल नंबर, आश्रित का नाम, पेंशनर के साथ संबंध आदि बातें शामिल हैं।
निष्कर्ष – 7th Pay Commission
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Sources –
Internet
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