CIBIL Score 2024: आज के समय में हर किसी के पास अपना काम शुरू करने से पहले पैसे होना जरूरी है इसलिए आज के समय में हर किसी के पास पैसे नहीं होते हैं इसलिए आप लोन ले सकते हैं इसलिए आज आपको पता चल जाएगा कि पर्सनल लोन लेने के लिए क्या करना चाहिए।
जब कोई बैंक किसी व्यक्ति को पर्सनल लोन देता है तो वह न सिर्फ उसके सिबिल स्कोर को देखता है, बल्कि 3 तरह के रेशियो भी चेक करता है। इन सबके साथ बैंक यह सुनिश्चित करना चाहता है
क्या आप समय पर पैसे का भुगतान कर पाएंगे या नहीं? ऐसे में नीचे खबर में बता दें कि सिबिल स्कोर के अलावा बैंक कौन से 3 रेशियो चेक करते हैं।
जब भी पर्सनल लोन लेने की बात आएगी तो हर कोई आपसे यही कहेगा कि अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा होगा तो लोन मिल जाएगा।
हालांकि, जब कोई बैंक किसी व्यक्ति को पर्सनल लोन देता है तो वह न सिर्फ उसके सिबिल स्कोर को देखता है, बल्कि 3 तरह के रेशियो भी चेक करता है। इन सबके साथ बैंक यह सुनिश्चित करना चाहता है कि आप बैंक के लोन का पैसा समय पर चुका पाएंगे या नहीं। आइए जानते हैं सिबिल स्कोर के अलावा बैंक कौन से 3 रेशियो चेक करता है।
1- Debt-to-Income (DTI) Ratio
किसी को भी लोन देने से पहले बैंक डेट-टू-इनकम रेशियो जरूर चेक करता है। इस अनुपात की गणना मासिक ऋण भुगतान और आपके सकल वेतन की तुलना करके की जाती है।
डीटीआई अनुपात जितना कम होगा, आपको लोन मिलने की संभावना उतनी ही अधिक होगी। इस अनुपात के जरिए बैंक यह समझता है कि आपके पास पहले से कितने लोन हैं और आपके हाथ में कितना पैसा बचा है।
2- EMI/NMI Ratio
ईएमआई / एनएमआई अनुपात के माध्यम से, बैंक गणना करता है कि आपकी शुद्ध मासिक आय का कितना हिस्सा वर्तमान ईएमआई और प्रस्तावित ऋण की ईएमआई पर खर्च किया जाएगा।
अगर आपकी ईएमआई/एनएमआई 50-55 फीसदी तक है तो ठीक है, लेकिन अनुपात इससे ज्यादा होने पर बैंक आपको लोन देने में आनाकानी शुरू कर देते हैं। यदि बैंक अभी भी आपको ऋण देते हैं, तो वे अक्सर उच्च ब्याज दर लेते हैं।
3- Loan-to-Value Ratio (LTV)
इस अनुपात की गणना विशेष रूप से आवास ऋण के मामले में की जाती है। इस अनुपात की मदद से, जोखिम को समझना आसान हो जाता है। एलटीवी अनुपात से पता चलता है कि संपत्ति या संपार्श्विक की तुलना में आपका ऋण कितना मूल्य है।
इससे लोन को सुरक्षित करने में मदद मिलती है। इस जानकारी का उपयोग ऋण देने वाले बैंक द्वारा आवश्यक नियम और शर्तें बनाने के लिए किया जाता है।
सिबिल स्कोर भी चेक करते हैं बैंक
यह तीन अंकों की संख्या है, या यों कहें कि एक स्कोर है। इसकी सीमा 300 से 900 अंक तक होती है। इससे आपकी लोन लेने की क्षमता का पता चलता है। यह नंबर आपके पुराने लोन, क्रेडिट कार्ड बिल आदि के आधार पर तय किया जाता है।
अगर आप अपने सारे कर्ज और कार्ड बिल भरते रहते हैं तो आपका सिबिल स्कोर बेहतर हो जाता है, वहीं अगर आप डिफॉल्ट करते हैं तो आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है।
अच्छे सिबिल स्कोर के क्या हैं फायदे
अगर आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो इसके कई फायदे हैं। हर बैंक लोन देने से पहले व्यक्ति का सिबिल स्कोर चेक करता है। ऐसे में आपको आसानी से और सस्ते में लोन मिल सकता है।
यहां तक कि आपको कई बार प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर भी मिल सकता है और आपको कुछ ही मिनटों में इंस्टेंट लोन यानी अकाउंट में पैसा भी मिल सकता है।
सिबिल स्कोर खराब होने के नुकसान
अगर सिबिल स्कोर खराब है तो आपको इसके नुकसान का भी सामना करना पड़ता है। बैंक से जुड़े सभी कामों में आपको परेशानी का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं खराब सिबिल स्कोर के 5 नुकसान।
1- लोन मिलने में होगी दिक्कत
अगर आपका सिबिल स्कोर खराब है तो आपको किसी बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक या एनबीएफसी से लोन मिलने में परेशानी होगी। बैंकों को डर रहता है कि कहीं आपका सिबिल स्कोर खराब न हो जाए यानी आप डिफॉल्ट कर सकते हैं।
2- ज्यादा ब्याज दर चुकानी होगी
कुछ बैंक उच्च ब्याज दर वसूलेंगे यदि वे खराब सिबिल स्कोर के बावजूद आपको ऋण देने के लिए सहमत हैं। दरअसल, वह अपने जोखिम का प्रबंधन करने की कोशिश करता है। उन्हें लगता है कि अगर व्यक्ति पिछली कुछ ईएमआई पर डिफॉल्ट करता है तो भी बैंक को नुकसान नहीं होता है, इसलिए ब्याज दर ऊंची रखी जाती है।
3- चुकाना पड़ सकता है ज्यादा प्रीमियम
कई बार सिबिल स्कोर खराब होने पर बीमा कंपनियां आपसे ज्यादा प्रीमियम भी मांग सकती हैं। दरअसल, ऐसे में बीमा कंपनियों को लगता है कि आप ज्यादा क्लेम कर सकते हैं, ऐसे में वे ज्यादा प्रीमियम की मांग कर सकते हैं। कई कंपनियां बीमा प्रदान करने के लिए अनिच्छुक भी हो सकती हैं।
4- होम-कार लोन लेने में दिक्कत
पर्सनल लोन की तरह ही आपको होम लोन या कार लोन लेने में भी परेशानी आ सकती है। आपको अधिक ब्याज भी देना पड़ सकता है। व्यापार के लिए प्रॉपर्टी लीज पर देने में भी दिक्कत आ रही है। कंपनी आपको लोन देने के एवज में कुछ गिरवी रखने के लिए भी कह सकती है।
5- लोन मिलने में हो सकती है देरी
जो बैंक आपको लोन देने के लिए राजी हो जाता है, वह आपको लोन देने से पहले दस्तावेजों की अच्छी तरह जांच भी कर लेगा। यहां तक कि अगर आप गोल्ड लोन या सिक्योरिटीज लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो भी एक मजबूत जांच होगी।
यहां तक कि अगर आप कुछ बंधक डालते हैं, तो बैंक आपको संदेह के साथ देखेगा और एक मजबूत जांच करेगा। इन सब में काफी समय लग सकता है, जिससे आपका लोन मिलने में देरी हो सकती है।
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निष्कर्ष – CIBIL Score 2024
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दोस्तों यह थी आज की CIBIL Score 2024 के बारें में सम्पूर्ण जानकारी इस पोस्ट में आपको CIBIL Score 2024 , इसकी सम्पूर्ण जानकारी बताने कोशिश की गयी है |
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