सरकारी कर्मचारियों को लेकर बिहार सरकार ने लिया अहम फैसला
अगर आप भी कर्मचारी हैं तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल, बिहार सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को लेकर एक अहम फैसला लिया है. जिसके तहत कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है…
सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के निलंबन से जुड़ी नीतियों में कुछ बदलाव किए हैं। इससे सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। पहला, उन्हें जल्द निलंबित नहीं किया जाएगा और उन्हें अधिक दिनों के लिए निलंबित नहीं किया जाएगा। अब तक परंपरा यह रही है कि कर्मियों को वर्षों तक निलंबन में रहना पड़ता है। कुछ कर्मियों को एक साल के लिए निलंबित किया गया है, जबकि कुछ को दो से तीन साल के लिए निलंबित किया गया है।
सीतामढ़ी जिले में कई ऐसे कार्यकर्ता हैं, जिन्हें विभिन्न कारणों से दो-तीन साल के लिए निलंबित कर दिया गया है. हालांकि सरकार की ताजा गाइडलाइंस से अब सरकारी सेवकों को लंबे समय तक निलंबित रहने से राहत मिलेगी। सरकार के इस फैसले से जिले के कर्मचारी काफी खुश हैं। मजबूरी के चलते खुलकर तो नहीं, लेकिन दबी जुबान से ही इस फैसले के लिए सरकार की तारीफ कर रहे हैं।
किन स्थितियों में होंगे निलंबित
सरकार ने अपने ताजा दिशा-निर्देशों में साफ कर दिया है कि किन शर्तों के तहत किसी सरकारी कर्मचारी को निलंबित किया जा सकता है। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव डॉ. बी. राजेंद्र ने डीएम समेत अन्य विभागों को जारी पत्र में कहा है कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी है या लंबित है तो उसे निलंबित किया जा सकता है। यदि कोई सरकारी कर्मचारी किसी ऐसी गतिविधि में शामिल है जो राज्य के सुरक्षा हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है, तो उसके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है।
इसके आलावा किसी सरकारी सेवक के खिलाफ कोई आपराधिक मामला जांच या विचारण के अधीन हो और सक्षम प्राधिकार की राय में निलंबित करना समीचीन हो, तो यह कार्रवाई की जा सकती है। पत्र में कहा गया है कि कोई सरकारी सेवक आपराधिक मामले के जांच के क्रम में अथवा किसी आपराधिक मामले में दोषसिद्ध पाया जाता है और 48 घंटे से अधिक कारावास की सजा होती हो, तो कारावास भेजे जाने की तिथि से ही उसे निलंबित समझा जायेगा।
निलंबन की समीक्षा के बाद निर्णय
वर्षों से कर्मियों के निलंबन के मामलों की समीक्षा के बाद सरकार द्वारा कुछ निर्णय लिए गए हैं। डीएम को लिखे पत्र में राज्य सरकार ने कहा है कि मामूली जुर्माने के आरोप में किसी भी सरकारी कर्मचारी को निलंबित नहीं किया जाएगा। सरकार ने आरोपों की प्रकृति और गंभीरता पर विचार करने के बाद ही निलंबन का निर्णय लेने के लिए कहा है।
इसमें कहा गया है कि एक वर्ष से अधिक समय से निलंबित चल रहे शासकीय सेवकों के निलंबन की प्रत्येक तीन माह में समीक्षा की जाए और आरोप गंभीर होने पर ही निलंबन की कार्रवाई जारी रखी जाएगी। शेष मामलों में शासकीय सेवकों को निलंबन से मुक्त कर उन स्थानों पर तैनात करने को कहा गया है, जहां उनके रहने से उनके खिलाफ चल रहे मामलों पर असर न पड़े।
निष्कर्ष – सरकारी कर्मचारियों को लेकर बिहार सरकार ने लिया अहम फैसला
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