Chief Minister Farm Security Scheme : वर्तमान में आवारा मवेशी, नीलगाय और जंगली सूअर जैसे जानवर किसानों को फसलों में भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। देश के ज्यादातर राज्यों में यह समस्या आम है। फसलों पर आवारा पशुओं और जंगली जानवरों के हमले से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं,
जिससे उन्हें खेती में बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकारें अपने स्तर पर कई योजनाएं लागू कर रही हैं ताकि किसानों को आवारा जानवरों और जंगली जानवरों से फसल की रक्षा के लिए खेतों की बाड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इस बीच आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश सरकार इस समस्या का समाधान करने जा रही है।
इसके लिए प्रदेश की योगी सरकार बुंदेलखंड में ‘मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना’ के नाम से लागू सोलर फेंसिंग योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने जा रही है। दरअसल, प्रदेश में आवारा पशुओं और जंगली जानवरों की समस्या से किसान परेशान हैं. आवारा पशुओं के कारण फसलों को नुकसान होता है।
पैदावार कम हो जाती है, जिससे किसानों को आर्थिक रूप से बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने यह फैसला लिया है। इसके तहत राज्य सरकार इस साल रबी सीजन के दौरान पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस योजना को लागू करने की तैयारी कर रही है। आइए इस पोस्ट की मदद से मुख्यमंत्री कृषि सुरक्षा योजना से जुड़े तथ्यों के बारे में जानते हैं।
मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना
आवारा मवेशियों या जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने “मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना” तैयार की है। इस योजना के तहत सोलर फेंसिंग की बाड़ से खेतों को घेरा जाएगा। सोलर फेंसिंग, बाड़ में सौर ऊर्जा के जरिए 12-वोल्ट का करंट छोड़ जाएगा।
इस 12-वोल्ट करंट वाले सौर बाड़ के संपर्क में आने से मवेशियों और जंगली जानवर जैसे सुअर, नीलगाय आदि को सिर्फ हल्का झटका लगेगा। साथ ही सोलर फेंसिंग में लगा सायरन भी बजने लगेगा, जिससे पशु डर कर खेत से दूर चले जाएंगे। जिससे फसल की सुरक्षा पशुओं को बिना नुकसान पहुचाए की जा सकती है।
बता दें कि बाड़ में प्रवाहित 12 वोल्ट का सौर ऊर्जा करंट एक प्रकार का वार्निंग करंट है। इसके संपर्क में आने से पशुओं को किसी प्रकार की कोई हानि नहीं होती है। यह सिर्फ पशु पर मनोवैज्ञानिक असर डालता है। एक-दो बार इससे झटका खाने के बाद जानवर या पशु दोबारा उस खेत की ओर नहीं आता है।
खेतों को सोलर फेंसिंग से घेरने पर प्रति हैक्टेयर 60 प्रतिशत की सब्सिडी
गौरतलब है कि आवारा पशु या जंगली जानवर किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे, जिसे विपक्षी दलों ने विधानसभा में उठाया था। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार आगामी लोकसभा चुनाव से पहले किसानों की इस समस्या का समाधान करना चाहती है। इसके लिए सरकार मुख्यमंत्री कृषि सुरक्षा योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी कर रही है।
इसके तहत छोटे और सीमांत किसानों को खेतों की सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग की 12 वोल्ट की करंट सोलर फेंस से खेतों को घेरने के लिए 60 प्रतिशत या अधिकतम 1.43 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी दी जाएगी। सरकार की इस योजना का लाभ उठाकर किसान अपने खेतों को जंगली जानवरों और आवारा जानवरों जैसे नीलगाय, सूअर और जंगली सूअर से बचा सकेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए प्रस्तावित बजट को 75 करोड़ रुपये बढ़ाकर 350 करोड़ रुपये कर दिया है।
सोलर फेंसिंग से किसानों को क्या फायदे हैं?
- प्रदेश सरकार की “मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना” के तहत किसान अपने खेतों की सोलर फेंसिंग कराकर अपने खेतों में लगी फसलों को आवारा जानवरों से होने वाली फसल क्षति से बचा सकेंगे।
- इस योजना के तहत किसानों को सोलर फेंसिंग के लिए 60 फीसदी या अधिकतम 1.43 लाख रुपए का अनुदान प्रति हैक्टेयर लागत पर दिया जाएगा।
- योजना के तहत अनुदान राशि सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खाते में डीबीटी प्रोसेस के जरिए भेजा जाएगा।
- किसान इस योजना का लाभ लेकर जानवरों को बिना नुकसान पहुंचाए अपने खेतों की सुरक्षा आसानी से कर पाएंगे।
- सोलर फेंसिंग में 12 वोल्ट का सौर करंट होता है, जिससे जानवरों को नुकसान नहीं होता है।
- खेतों के चारों ओर फेंसिंग करके खेत को घेरा जाता है, इस फेंसिंग (तार) को सौर ऊर्जा से बैटरी में जमा करंट दिया जाता है।
- इससे फेंसिंग में 12 वोल्ट का डीसी करंट प्रवाहित होता है, जो भी आवारा पशु या जंगली जानवर इसके संपर्क में आता है, तो उसे झटका लगता है, लेकिन इससे जानवरों को कोई नुकसान नहीं होता है।
’’मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना’’ के लिए पात्रता क्या हैं?
- मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना का लाभ केवल उत्तर प्रदेश के छोटे और सीमांत किसानों को ही दिया जाएगा।
- इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए, लाभार्थी व्यक्ति एक किसान होना चाहिए और उसके पास अपनी खेती योग्य भूमि होनी चाहिए।
- इस योजना के तहत, बड़ी जोत वाले किसानों को योजना के लिए अयोग्य घोषित किया गया है।
- लाभार्थी के पास आधार से जुड़ा बैंक खाता होना चाहिए।
- योजना में आवेदन करने के लिए लाभार्थी के पास आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, भूमि के दस्तावेज, आय प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो जैसे आवश्यक दस्तावेज होना अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना में आवेदन करने का प्रोसेस क्या है?
मुख्यमंत्री कृषि सुरक्षा योजना में आवेदन करने के लिए किसान भाइयों को अभी थोड़ा इंतजार करना होगा। क्योंकि फिलहाल उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के 7 जिलों में सरकार द्वारा इस योजना की शुरुआत की गई है. बहुत जल्द इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। जिसकी तैयारी सरकार और संबंधित विभाग द्वारा पूरी कर ली गई है। कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद इसे किसानों के लिए लागू कर दिया जाएगा।
निष्कर्ष – Chief Minister Farm Security Scheme 2023
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