OPS को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच सहमति का नया रास्ता
पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से शुरू करने की मांग पूरे देश में जोर पकड़ रही है। इस बीच कुछ राज्यों ने बीच का रास्ता सुझाते हुए केंद्र सरकार को नया प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव में पुरानी पेंशन योजना की तुलना में सरकारी कर्मचारियों के लिए थोड़ी कम पेंशन की मांग की गई है। लेकिन अहम बात यह है कि कर्मचारियों को ओपीएस की तरह नियमित मासिक पेंशन मिलती रहेगी।
नया प्रस्ताव क्या है? कई राज्यों ने वित्त सचिव की अध्यक्षता वाली समिति को सौंपे गए प्रस्ताव में सरकारी कर्मचारियों को उनके न्यूनतम वेतन पर पेंशन देने का प्रस्ताव किया है। प्रस्ताव के मुताबिक, सरकारी कर्मचारियों को सेवा ज्वाइन करने और शुरुआत शुरू करने पर हर महीने पेंशन के रूप में मिलने वाले वेतन का 50 फीसदी हिस्सा दिया जा सकता है। पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के तहत सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था।
राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश ऐसे राज्य हैं जहां पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) पहले ही लागू की जा चुकी है। इस साल मार्च में, भाजपा-शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने भी सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना के लाभों के विस्तार को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी थी, जो वर्तमान में एनपीएस लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
2004 में बंद की गई पुरानी पेंशन स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनकी आखिरी सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के तौर पर मिलता था। जीपीएफ भी उपलब्ध कराया गया था। 2004 में एनडीए सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को खत्म कर उसकी जगह एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) ला दिया था।
इस साल मार्च में, केंद्र सरकार ने संसद को बताया था कि पुरानी पेंशन योजना को पुनर्जीवित करने की उसकी कोई योजना नहीं है। इस बीच, सरकार ने उन सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का विकल्प चुनने का अवसर दिया था, जिनकी नौकरी की अधिसूचना दिसंबर 2003 से पहले आई थी।
केंद्र सरकार ने एक समिति का गठन किया है।
हाल के महीनों में देश भर में ओपीएस की मांग जोर पकड़ रही है. कुछ राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) पर लौटने के बाद, केंद्र सरकार ने मौजूदा पेंशन प्रणाली की समीक्षा के लिए एक समिति भी गठित की है। चार सदस्यीय समिति की अध्यक्षता वित्त सचिव टी वी सोमनाथन कर रहे हैं। समिति यह तय करेगी कि मौजूदा एनपीएस के ढांचे या ढांचे में किसी तरह के बदलाव की जरूरत है या नहीं।
निष्कर्ष – OPS को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच सहमति का नया रास्ता
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