Old Pension Scheme 2023: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने एक अप्रैल 2004 को पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया था। इसकी वजह यह थी कि सरकार को पेंशन की पूरी रकम देनी होती थी। सरकार ने पेंशन पर अपना खर्च कम करने के लिए पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया था।
भारत में पुरानी पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम को लेकर बहस और राजनीति चल रही है। केंद्र सरकार समेत सभी भाजपा शासित राज्य नई पेंशन योजना को बढ़ावा देने में जुटे हैं, जबकि कुछ गैर-भाजपा शासित राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का फैसला किया है।
इन राज्यों में राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब शामिल हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि नई और पुरानी बहस के बीच देश के ज्यादातर कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम में ही रहना पसंद करते हैं। आखिर ऐसा क्या है कि ज्यादातर कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम में ही रहना चाहते हैं? आइए जानते हैं पुरानी पेंशन स्कीम के फायदे…
2004 में एनडीए सरकार ने बंद कराई थी पुरानी पेंशन योजना
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने 1 अप्रैल 2004 को पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया था। इसकी वजह यह थी कि सरकार को पेंशन की पूरी रकम देनी होती थी। सरकार ने पेंशन पर अपना खर्च कम करने के लिए पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया था।
पुरानी पेंशन स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय आखिरी सैलरी का आधा हिस्सा पेंशन के तौर पर तय किया जाता था। रिटायरमेंट के समय पेंशन कर्मचारी की आखिरी सैलरी और महंगाई के आंकड़ों के आधार पर तय की जाती है। इसके साथ ही पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों की सैलरी से पैसा नहीं काटा जाता है। पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को दी जाने वाली पेंशन का भुगतान सरकार के खजाने के जरिए किया जाता है।
पुरानी पेंशन योजना के फायदे
पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को उनकी सैलरी का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता है।
अगर रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की मौत हो जाती है तो पुरानी पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी के परिवार को पेंशन राशि प्रदान की जाती है।
पेंशन देने के लिए इस योजना के तहत कर्मचारियों के वेतन से कोई कटौती नहीं की जाती है।
पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद मेडिकल अलाउंस और मेडिकल बिल की सुविधा भी दी जाती है।
पुरानी पेंशन योजना के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी राशि दी जाती है।
नई और पुरानी पेंशन योजना में क्या अंतर है?
नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों की सैलरी का 10 फीसदी हिस्सा काटा जाता है, जबकि पुरानी पेंशन स्कीम में सैलरी से पेंशन का पैसा नहीं काटा जाता है।
पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को जीपीएफ (जनरल प्रॉविडेंट फंड) की सुविधा मिलती थी, जबकि नई स्कीम में जीपीएफ की सुविधा नहीं दी गई है।
पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय आखिरी सैलरी का आधा हिस्सा पेंशन के तौर पर दिया जाता था, जबकि नई पेंशन स्कीम में इसकी कोई गारंटी नहीं है।
पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायर्ड कर्मचारियों के पैसे का भुगतान सरकारी खजाने से किया जाता है, जबकि नई पेंशन स्कीम पूरी तरह से शेयर बाजार पर निर्भर है।
नई पेंशन स्कीम में आपका पैसा शेयर बाजार में लगाया जाता है, जिस पर टैक्स देना जरूरी होता है। वहीं, पुरानी पेंशन स्कीम में यह प्रावधान नहीं है।
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निष्कर्ष – Old Pension Scheme 2023
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